रॉडिया टेप प्रकरण को दफनाने का असफल प्रयास
बहुचर्चित रॉडिया टेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा स्टेंड ले लिया है। अदालत ने नीरा रॉडिया के औद्योगिक घरानों के प्रमुखों, नेताओं और दूसरे व्यक्तियों की टेप की गई बातचीत से मिली जानकारी के आधार पर पांच साल तक कोई कार्रवाई नहीं करने पर आयकर विभाग और सीबीआई को आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की खंडपीठ ने कहा कि यह अच्छी स्थिति नहीं है। अदालत ने कहा कि यह बातचीत पांच साल पहले टेप की गई थी लेकिन इस दौरान सरकारी अधिकारी चुप्पी साधे रहे। न्यायाधीश जानना चाहते थे कि क्या वे कार्रवाई के लिए अदालत के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं? अदालत ने आयकर विभाग को रॉडिया के टेलीफोन टेप करने के लिए अधिकृत किए जाने से संबंधित सारा रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने आयकर विभाग को यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि टेपिंग की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को सौंपी गई थी क्या उन्होंने रिकार्डिंग के विवरण के बारे में अपने वरिष्ठ अफसरों को सूचित किया और इस बातचीत में जिन आपराधिक मामलों का जिक्र हुआ है क्या उनके बारे में सीबीआई को सूचित किया गया था? वित्तमंत्री क...